उत्तरकाशी, ब्यूरो। मनेरी भाली प्रथम चरण परियोजना के बांध की सुरक्षा और मजबूती का काम शुरू हो गया है। बांध के चार में से दो स्पिलवे के सामने आने वाले हिस्से को हटाने के लिए जेसीबी की मदद से चट्टान को काटने का काम तेज गति पर है। इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
भागीरथी नदी पर बने 90 मेगावाट क्षमता के मनेरी भाली प्रथम चरण परियोजना के बांध की मजबूती के साथ संभावित बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए योजना तैयार की गई है। विश्व बैंक के वित्तीय सहयोग वाली इस योजना में बांध के चार में से दो स्पिलवे (अधिप्लव मार्ग) के सामने आने वाली चट्टान को हटाने का काम किया जा रहा है। सोमवार को बांध के बाएं हिस्से में आने वाले करीब 20 मीटर चट्टानी हिस्से को हटाने के लिए पांच जेसीबी मशीनें लगाई गई। जिसमें से चार ने चट्टान काटकर मलबा हटाने का काम शुरू किया। वहीं एक जेसीबी मशीन ने नदी किनारे उतरकर मलबा हटाने के लिए रास्ता तैयार कर रही है। परियोजना के उप महाप्रबंधक (सिविल) सतीश सिंह ने बताया कि अभी तो मात्र करीब पांच फीसदी ही काम हुआ है। इस सीजन में बायें तट पर चट्टानी हिस्से को हटाने का काम होगा। अगले सीजन में सितंबर के बाद अन्य जरूरी सुरक्षा कार्य किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट वर्ष 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। गोमुख से निकलने वाली भागीरथी (गंगा) नदी पर यह पहला बांध है। मनेरी में अस्सी के दशक में बनकर तैयार हुए बांध की सुरक्षा और मजबूती के कार्य होने से बांध को मजबूती मिलेगी। साथ ही बांध की उम्र भी बढ़ेगी। वहीं स्पिलवे के सामने का संकरा हिस्सा चौड़ा होने से संभावित बाढ़ के दौरान जान–माल का नुकसान कम होगा। इससे स्पिलवे की नींव मजबूत होने की बात भी कही जा रही है।